Monday 26 October 2020

स्वास्थ्य प्रदाता रोग विनाशक कार्तिक

स्वास्थ्य प्रदाता रोग विनाशक कार्तिक

कार्तिक मास को स्वास्थ्य प्रदाता तथा सभी रोगों का विनाशक माना गया है। 
स्कंदपुराण के वैष्णवखंड में कार्तिक मास के महत्व के विषय में कहा गया है-
रोगापहं पातकनाशकृत्परं सद्बुद्धिदं पुत्रधनादिसाधकम्।
मुक्तेर्निदांन नहि कार्तिकव्रताद् विष्णुप्रियादन्यदिहास्ति भूतले।।
अर्थात कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोगविनाशक, सद्बुद्धि प्रदान करने वाला तथा मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है।
कार्तिक मास में ही आयुर्वेद के जनक तथा आरोग्य के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।

आयुर्वेद के मतानुसार, यदि कार्तिक मास में प्रातःकाल निराहार तुलसी के कुछ पत्तों का सेवन किया जाए तो मनुष्य वर्ष भर रोगों से सुरक्षित रहता है। एक कहावत के अनुसार “प्रातः कार्तिक मास में, नित तुलसी जो खाए,एक वर्ष तक रोग फिर उसको ढूंड न पाए ”। यदि तुलसी-दल या तुलसी-रस ले चुकें हों तो उसके बाद पान न खाएं। ये दोनों गर्म हैं और कार्तिक में रक्त-संचार भी प्रबलता से होता है, इसलिए तुलसी के बाद पान खाने से परेशानी में पड़ सकते हैं।


कहा गया है कार्तिक मास में बैंगन, मठ्ठा, करेला तथा दालों को त्याग कर देना चाहिए। 
कार्तिक में मूली स्वास्थ्य के लिए अच्छा है


कार्तिक मास में प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व स्नान का व्रत आरोग्यता प्रदान करता है। 
अकाल मृत्यु निवारण, शारीरिक स्वास्थ्य व भवन दोष निवारण के लिए इस श्लोक का 21 बार पाठ करें कार्तिक शुक्ल एकादशी को 
“शशंक चक्रं किरीटकुंडलं सपीतवस्त्रं सरसिरूहेक्षणं। 
सहस्त्राक्षवक्षस्थलकौस्तुभश्रियं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम्।।”
सफ़ेद दाग हो तो कार्तिक मास के हर रविवार को नमक मिर्च बिना का भोजन और सूर्य भगवान की पूजा तिल के तेल का दीपक दिखा के करे, लोटे में गुलाब की पंखुड़ियाँ,शक्कर,चावल, तिल आदि डालकर अर्घ्य दे |
"अच्युताय नमः अनन्ताय नमः गोविन्दाय नमः" यह 18 अक्षर का मंत्र रोग निवारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोई भी दवा लेने से पहले इस मंत्र का जप करें। दवा जरूर असर करेगी।

जो प्रतिदिन प्रातःकाल पच्चीस बार "ॐ नमो नारायणाय" अष्टाक्षर मंत्र का जप करके जल पीता है वह सब पापों से मुक्त, ज्ञानवान तथा नीरोग होता है
धनतेरस वाले दिन आरोग्य के देवता धनवंतरी को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए धन्वन्तरि देव को प्रणाम करें 
ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधिदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढ़दावाग्निलीलम॥

कार्तिक मास

कार्तिक मास

कार्तिक हिन्दू धर्म का आठवाँ महीना है। इस वर्ष 01 नवम्बर 2020 (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से कार्तिक का आरम्भ हो रहा है .

कार्तिक में कृत्तिका और मघा शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है।

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी मास शून्य तिथियां होती हैं। इन तिथियों शुभ काम नहीं करना चाहिए। 

महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “कार्तिकं तु नरो मासं यः कुर्यादेकभोजनम्। शूरश्च बहुभार्यश्च कीर्तिमांश्चैव जायते।।” जो मनुष्य कार्तिक मास में एक समय भोजन करता है, वह शूरभीर, अनेक भार्याओं से संयुक्त और कीर्तिमान होता है। 

कार्तिक में बैंगन और करेला खाना मना बताया गया है .

महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 66 जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में अन्न का दान करता है, वह दुर्गम संकट से पार हो जाता है और मरकर अक्षय सुख का भागी होता है ।

शिवपुराण के अनुसार कार्तिक में गुड़ का दान करने से मधुर भोजन की प्राप्ति प्राप्ति होती है .


स्कंदपुराण वैष्णवखंड के अनुसार-  ‘मासानां कार्तिकः श्रेष्ठो देवानां मधुसूदनः। तीर्थ नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।’
अर्थात मासों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ बद्रिकाश्रम श्रेष्ठ है। ये तीनों कलियुग में अत्यंत दुर्लभ हैं। 
स्कंदपुराण वैष्णवखंड के अनुसार-  ‘न कार्तिसमो मासो न कृतेन समं युगम्‌। न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगया समम्‌।’
अर्थात कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सत्युगके समान कोई युग नहीं, वेदके समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजीके समान कोई तीर्थ नहीं है।
भगवान श्री कृष्ण को वनस्पतियों में तुलसी, पुण्य क्षेत्रों में द्वारिकापुरी, तिथियों में एकादशी और महीनों में कार्तिक विशेष प्रिय है- कृष्णप्रियो हि कार्तिक:, कार्तिक: कृष्णवल्लभ:।  इसलिए कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक माना गया है।

Friday 10 April 2020

श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्रम्‌

लक्ष्मी नृसिंह ऋणमोचन स्तोत्र को निरन्तर पाठ से कैसा भी कर्ज हो उससे व्यक्ति शीघ्र मुक्त हो जाता है। अपार धन की अभिलाषा है तो भी इसका पाठ किया जा सकता है... किसी भी शुक्रवार से शुरू कर सकते हैं।


*श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्रम्‌*

श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणे भोगीन्द्रभोगमणिरंजितपुण्यमूर्ते।

योगीश शाश्वतशरण्यभवाब्धिपोतलक्ष्मीनृसिंहममदेहिकरावलम्बम॥1॥


ब्रम्हेन्द्र-रुद्र-मरुदर्क-किरीट-कोटि-संघट्टितांघ्रि-कमलामलकान्तिकान्त।

लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्‌॥2॥


संसारघोरगहने चरतो मुरारे मारोग्र-भीकर-मृगप्रवरार्दितस्य।

आर्तस्य मत्सर-निदाघ-निपीडितस्यलक्ष्मीनृसिंहममदेहिकरावलम्बम्‌॥3॥


संसारकूप-मतिघोरमगाधमूलं सम्प्राप्य दुःखशत-सर्पसमाकुलस्य।

दीनस्य देव कृपणापदमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्‌॥4॥


संसार-सागर विशाल-करालकाल-नक्रग्रहग्रसन-निग्रह-विग्रहस्य।

व्यग्रस्य रागदसनोर्मिनिपीडितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहिकरावलम्बम्‌॥5॥

संसारवृक्ष-भवबीजमनन्तकर्म-शाखाशतं करणपत्रमनंगपुष्पम्‌।

आरुह्य दुःखफलित पततो दयालो लक्ष्मीनृसिंहम देहिकरावलम्बम्‌॥6॥


संसारसर्पघनवक्त्र-भयोग्रतीव्र-दंष्ट्राकरालविषदग्ध-विनष्टमूर्ते।

नागारिवाहन-सुधाब्धिनिवास-शौरे लक्ष्मीनृसिंहममदेहिकरावलम्बम्‌॥7॥

संसारदावदहनातुर-भीकरोरु-ज्वालावलीभिरतिदग्धतनुरुहस्य।

त्वत्पादपद्म-सरसीशरणागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम्‌॥8॥


संसारजालपतितस्य जगन्निवास सर्वेन्द्रियार्थ-बडिशार्थझषोपमस्य।

प्रत्खण्डित-प्रचुरतालुक-मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहिकरावलम्बम्‌॥9॥

सारभी-करकरीन्द्रकलाभिघात-निष्पिष्टमर्मवपुषः सकलार्तिनाश।

प्राणप्रयाणभवभीतिसमाकुलस्यलक्ष्मीनृसिंहमम देहि करावलम्बम्‌॥10॥

अन्धस्य मे हृतविवेकमहाधनस्य चौरेः प्रभो बलि भिरिन्द्रियनामधेयै।

मोहान्धकूपकुहरे विनिपातितस्य लक्ष्मीनृसिंहममदेहिकरावलम्बम्‌॥11॥


लक्ष्मीपते कमलनाथ सुरेश विष्णो वैकुण्ठ कृष्ण मधुसूदन पुष्कराक्ष।

ब्रह्मण्य केशव जनार्दन वासुदेव देवेश देहि कृपणस्य करावलम्बम्‌॥12॥


यन्माययोर्जितवपुःप्रचुरप्रवाहमग्नाथमत्र निबहोरुकरावलम्बम्‌।

लक्ष्मीनृसिंहचरणाब्जमधुवतेत स्तोत्र कृतं सुखकरं भुवि शंकरेण॥13॥


॥ इति श्रीमच्छंकराचार्याकृतं लक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रं संपूर्णम्‌ ॥

Monday 22 July 2019

मंगलागौरी व्रत विधि

मंगला गौरी व्रत महत्व, पूजा विधि और कथा

मंगला गौरी का व्रत श्रावण मास के मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत माता पार्वती यानी गौरी को समर्पित है। महाराष्ट्रीयन समाज में यह उनका श्रावण आरंभ होने पर किया जाता है लेकिन अन्य प्रांतों में इसे श्रावण मास के प्रथम मंगलवार से किया जाता है।

क्यों किया जाता है व्रत : कुंवारी कन्या, जिसके विवाह में बाधा आ रही है, वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए, पुत्र की प्राप्ति, पति/पुत्र की लंबी आयु, व अन्य सौभाग्य सुखों के लिए कुंवारी कन्या या सौभाग्यशाली-सुहागन स्त्री के द्वारा, इस व्रत को किया जाता है।

मंगला गौरी पूजन कब किया जाता है?
गौरी पूजन नाम से स्पष्ट है, मां गौरा अर्थात् माता पार्वती के लिए यह व्रत किया जाता है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव-पार्वती को श्रावण माह अति प्रिय है। यह व्रत श्रावण माह के मंगलवार को ही किया जाता है। इसलिए इसे मंगला गौरी कहा जाता है।

मंगला गौरी पूजन की आवश्यक सामग्री : गौरी पूजन में सुहाग के समान और 16-16 वस्तुओं का बहुत महत्व है।

आवश्यक सामग्री
1.
चौकी/पाटा/बाजोट, जो भी उपलब्ध हो ,पुजा के लिए रख लें।
2.
सफेद व लाल कपड़ा व कलश
3.
गेंहू व चावल
4. आटे का चौ-मुखी दीपक, अगरबत्ती, धुपबत्ती, कपूर, माचिस
5. 16-16 तार की चार बत्ती
6. साफ व पवित्र मिट्टी, माता गौरा की प्रतिमा बनाने के लिए
7. अभिषेक के लिए साफ जल, दूध, पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर का मिश्रण)।
8. माता गौरा के लिए वस्त्र
9. पूजा सामग्री-मौली, रोली (कुमकुम), चावल, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी, काजल, सिंदूर
10. 16 तरह के फूल, माला, पत्ते आटे के लड्डू, फल
11. पंचमेवा, 7 तरह के अनाज
12. 16 पान, सुपारी, लोंग
13. 1 सुहाग पिटारी
(जिसमें सिंदूर,बिंदी,नथ,काजल,मेहंदी,हल्दी,कंघा,तेल,शीशा,16 चूड़ियां,बिछिया,पायल,नैलपॉलिश,लिपस्टिक,बालों की पिन, चूनरी आदि शामिल हो)
14. इच्छानुसार नैवेद्य/प्रसाद

मंगला गौरी पूजा की विधि

* यह व्रत श्रावण के मंगलवार को किया जाता है। पूजा करने के पहले स्नान कर, कोरे वस्त्र पहनते हैं।

* पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर बैठें, व बड़ी चौकी लगाएं उस चौकी पर आधे में सफेद कपड़ा बिछा कर चावल की 9 छोटी-छोटी ढेरी बनाएं अब उसी चौकी पर आधे में लाल कपड़ा बिछा कर गेंहू की 16 ढेरी बनाएं।

* अब चौकी पर थोड़े से चावल अलग से रख कर, पान के पत्ते पर स्वास्तिक बनाकर, उस पर गणेशजी की प्रतिमा रखें। ठीक उसी तरह, गेंहू की अलग से ढेरी कर उस पर कलश रखें। उस पर पांच पान के पत्ते रख, नारियल रखें। और चौकी पर चौमुखी दीपक व उसमें 16 तार की बत्ती लगाकर प्रज्वलित करें।

* सर्वप्रथम, प्रथम पूज्य गणेशजी की प्रतिमा का विधि विधान से स्नानादि करा कर, वस्त्र स्वरूप जनेऊ चढ़ा कर, रोली-चावल,सिंदूर चढ़ाकर पूजन कर भोग लगाएं ठीक उसी तरह, रोली-चावल से कलश और दीपक का पूजन करें। उसके बाद चावल की जो 9 ढेरी है,वह नवग्रह स्वरूप है तथा गेंहू की 16 ढेरी षोडषमातृका माता का स्वरूप मान विधिविधान से पूजा करें।

* अब एक थाली में पवित्र तथा साफ मिट्टी ले कर, मां गौरा की प्रतिमा बना कर,पूरी श्रद्धा से प्रतिमा को चौकी पर रखें। अब सबसे पहले प्रतिमा को जल दूध पंचामृत से स्नानादि करा कर अभिषेक कर, वस्त्र धारण कराएं।

* मां गौरी की रोली-चावल से पूजा कर सोलह श्रंगार की वस्तु चढ़ाएं। फिर 16 तरह की सभी चीजों- फूल, माला, फल, पत्ते, आटे के लड्डू, पान, सुपारी, लौंग, इलायची तथा पंचमेवा तथा प्रसाद रखें।

* अब कथा कर, मंत्र का जाप कर आरती करें। मंगलवार को पूजन के बाद अगले दिन, मां गौरा की प्रतिमा को किसी तालाब या नदी में, पूरी श्रद्धा से विसर्जित करें। मन्नत अनुसार यह व्रत पूर्ण कर उद्यापन करें।

मंगला गौरी पूजा व्रत की कथा

व्रत कथा:

एक नगर में एक व्यापारी अपनी पत्नी के साथ सुखी से जीवन जी रहा था। उसे धन दौलत की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी।

इसलिए सारी सुख सुविधाएं होते हुए थी दोनों पति पत्नी खुश नहीं रहते थे।

खूब पूजा अर्चना करने के बाद उन्हें पुत्र का वरदान प्राप्त हुआ। लेकिन ज्योतिषियों ने कहा कि वह अल्पायु है और 17 साल का होते ही उसकी मृत्यु हो जाएगी। इस बात को जानने के बाद पति-पत्नी और भी दुखी हो गए। लेकिन उन्होंने इसे ही अपना और पुत्र का भाग्य मान लिया।

कुछ समय बाद उन्होंने अपने बेटे की शादी एक सुंदर और संस्करी कन्या से कर दी। वह कन्या सदैव मंगला गौरी का व्रत करती और मां पार्वती का विधिवत पूजन करती थीं। मंगलागौरी व्रत के प्रभाव से उत्पन्न कन्या को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त था।इसके परिणाम स्वरुप सेठ के पुत्र की मृत्‍यु टल गई और उसे दीर्घायु प्राप्त हुई।

पंडित राजन जेतली

Wednesday 22 May 2019

संकटनाशन गणेशस्तोत्रम्

*संकटनाशन गणेशस्तोत्रम्*

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुंत्र विनायकम्
भक्तावासं स्मरे नित्यं आयुकामार्थसिद्धये ॥ १ ॥
प्रथमं वक्रतुंडं च एकदंतं द्वितियकम्
तृतीयं कृष्णपिंगाक्षं गजवकत्रं चतुर्थकम् ॥ २ ॥
लंबोदरं पंचमं च षष्टमं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाअष्टकम् ॥ ३ ॥
नवं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ॥ ४ ॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्व सिद्धि करं प्रभो ॥ ५ ॥
विद्यार्थि लभते विद्यां धनार्थि लभते धनम्
पुत्रार्थि लभते पुत्रांमोक्षार्थि लभते गतिम् ॥ ६ ॥
जपेत्गणपतिस्तोत्रं षडभिमासै: फलं लभेत
संवतसरेणसिद्धिं च लभते नात्रसंशयः ॥ ७ ॥
अष्टभ्योब्राह्मणोभ्यस्य लिखित्वा य: समर्पयेत्
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥ ८ ॥
॥ इतिश्री नारदपुराणे ‘संकटनाशन गणेशस्तोत्रम्’ संपूर्णम् ॥
॥ श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र ॥
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥
भावार्थ:- १.सुमुख २.एकदन्त ३.कपिल ४.गजकर्ण ५.लम्बोदर ६.विकट ७.विघ्ननाश ८.विनायक ९.धूम्रकेतु १०.गणाध्यक्ष ११.भालचन्द्र १२.गजानन ;
इन बारह नामों के पाठ करने व सुनने से छः स्थानों १.विद्यारम्भ २.विवाह ३.प्रवेश(प्रवेश करना) ४.निर्गम(निकलना) ५.संग्राम और ६.संकट में सभी विघ्नों का नाश होता है।

Sunday 30 December 2018

वृषभ राशि - वार्षिक राशिफल 2019


वृषभ राशिफल - वार्षिक राशिफल 2019

वृषभ राशि , , , , वा, वी, वू, वे, वो
शुभ अंक 6, 5
शुभ दिन – सोमवार, शुक्रवार, शनिवार
शुभ रत्न पन्ना (एमराल्ड)
शुभ रंग  सफेद, हरा
शुभ दिशा – दक्षिण दिशा।
वृषभ अनुकूल देवता – माता लक्ष्मी जी और देवी सरस्वती जी
वृषभ मित्र राशियाँ – कुम्भ और मकर।
वृषभ शुभ रुद्राक्ष – छह मुखी रुद्राक्ष

वृषभ राशि स्वभाव - वृषभ राशि के जातक स्वभाव से बहुत ही दयालु होते है. इन्हे जरूरतमंद लोगो की मदद करना बहुत ही पसंद होता है. मदद के मामले में हमेशा ही आगे रहने वाले वृषभ राशि के जातक भावुक स्वभाव के भी होते है. ये अपने काम और करियर को लेकर बहुत ही सीरियस रहते है. इसका अंदाजा इनके काम के बाद ही पता चलता है. ये लोग अपने सामने बैठे हुए लोगो की दिल की बात जान लेते है लेकिन उसके सामने बिलकुल भी ऐसा रियेक्ट नहीं करते. ये अपने लक से ज्यादा अपनी मेहनत पर विश्वास करने वाले होते है. दुनिया इनके बारे में कुछ भी कहे या कुछ भी सोचे इन्हे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. इस राशि के जातक आपने में ही मग्न रहने वाले होते है.
भविष्यफल 2019 के अनुसार छात्रों के लिए यह साल बढ़िया रहेगा. इस साल छात्रों का ध्यान अपने करियर पर अधिक रहेगा. उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रो को अच्छे अवसर प्राप्त होंगे. यही नहीं बल्कि पढ़ाई के आलावा आपकी बौद्धिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी. प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह साल शुभ है. इस साल छात्र सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस करें क्योकि इस साल आपको अपनी मेहनत के अच्छे रिजल्ट जरूर मिलेंगे. आईआईटी की तैयारी कर रहे छात्रों को थोड़ी और अधिक मेहनत की जरूरत है. आपकी आज की मेहनत आपके भविष्य में बहुत काम आने वाली है. सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को इस साल अच्छे परिणाम मिलने के योग बन रहे है. वे छात्र जो विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सोच रहे हैं, उनका यह ख़्याब इस वर्ष पूरा हो सकता है.
भविष्यफल 2019 के अनुसार यह साल करियर के लिए बहुत ही बेहतरीन रहने वाला है. इस साल आपको अपनी कड़ी मेहनत और लगन के अच्छे रिजल्ट मिलेंगे. ऑफिस व कार्यक्षेत्र पर वरिष्ठ अधिकारियो और सीनियर्स का सहयोग प्राप्त होगा. व साथ ही सीनियर्स आपके काम की सराहना भी करेंगे. साल के मध्य भाग में प्रमोशन और वेतन वृद्धि के योग बन रहे है इस दौरान कार्यक्षेत्र में कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है. नए व्यवसाय की शुरूआत के लिए भी यह समय अच्छा है. सरकारी क्षेत्र में जॉब कर रहे लोगो को भी इस साल कोई बड़ा फायदा हो सकता है.
भविष्यफल 2019 के अनुसार इस साल आपकी लव लाइफ बहुत ही शानदार रहने वाली है. इस दौरान आपके प्रेम जीवन में कई खुशियों के पल आएंगे. मुलाकातों के कई अवसर मिलेंगे जिनका आप फायदा भी जरूर उठाएंगे. साल के शुरुआती भाग में आप दोनों मिलकर कोई नया काम शुरू करने की सोच सकते है. वे लोग जो अपनी लाइफ में अपने लिए पार्टनर की तलाश कर रहे है उनकी मुलाक़ात भी इस साल किसी ख़ास व्यक्ति से हो सकती है. वे जातक जिनकी विवाह की उम्र हो चकी है उनके लिए भी शादी के प्रस्ताव आएंगे. साल के मध्य भाग में आप दोनों रोमांटिक सेर पर जा सकते है जो आपके रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाएगा.
भविष्यकथन 2019 के अनुसार इस साल आपकी आर्थिक स्थिति बहुत ही बढ़िया रहेगी. इस साल आपको आर्थिक लाभ की अपार संभावना बन रही है. साल के शुरूआती भाग में आकस्मिक धन लाभ हो सकता है. यदि आपने किसी को पैसे उधार में दिए है तो इस आपको आपने पैसे वापस मिल सकते है.साल के अंतिम भाग में आप कोई नया वाहन या जमीन भी खरीद सकते है. यदि इस साल आप अपनी आय और व्यय में संतुलन बनाकर चलते है तो आप अच्छा धन संचय करने में सफल रहेंगे. इस साल नौकरी या व्यवसाय के सिलसिले में की जाने वाली यात्राएं आपके लिए लाभकारी रहेंगी।
भविष्यफल 2019 के अनुसार यह साल पारिवारिक जीवन के मामले में बहुत ही बढ़िया रहने वाला है. इस साल परिवार में शांति और आनंद का माहौल रहेगा और साथ ही खुशियों का भी आगमन होगा. घर के बड़े बुजुर्गो का सहयोग आपके लिए वरदान साबित होगा. परिवारजनों के साथ लम्बी दूरी की यात्रा पर जा सकते है.साल के मध्य भाग में परिवार में कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है. घर में भाई बहनो के अच्छे व्यवहार से मन प्रसन्न रहेगा. रिश्तेदारों से कोई अच्छी खबर मिल सकती है.
भविष्यफल 2019 के अनुसार सेहत की दृष्टि से यह साल आपके लिए सामान्य रहेगा. इस साल आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी और आप स्वयं को ऊर्जावान महसूस करेंगे। इस साल आपको सलाह दी जाती है कि काम के साथ-साथ अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान दें और संतुलित आहार का अधिक से अधिक सेवन करें साथी ही यमित रूप से ध्यान, योग व व्यायाम भी करें.
पंडित राजन जेतली
(ज्योतिषी, आध्यात्मिक चिकित्सक एवं मन्त्र-यन्त्र परामर्शदाता)
ज्योतिष मणि, ज्योतिष शास्त्री, M.B.A.
सम्पर्क – 9971234977 एवं 9013155363 (कार्यालय)

Saturday 29 December 2018

मेष राशि - वार्षिक राशिफल 2019

मेष राशि - वार्षिक राशिफल 2019
मेष राशि – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,


लकी नंबर – 6 व 9

शुभ दिन  रविवार, मंगलवार व बुधवार

शुभ रत्न – एमेथिस्ट

शुभ रंग – लाल, नारंगी, पीला

शुभ दिशा – पूर्व दिशा

मेष अनुकूल ग्रह  सूर्य, वृहस्पति, चन्द्र।

मेष राशि रत्न – मूंगा रत्न।

मेष राशि शुभ रुद्राक्ष  तीन मुखी

मेष राशि स्वभाव - मेष राशि के लोग स्वभाव से शांत और प्रभावशाली होते है. ये लोग दिल के बहुत ही मासूम होते है जिस कारण कई बार ये छोटी छोटी बातों को भी दिल से लगा लेते है. ये अपना हर काम प्रसन्नता के साथ ही करते है. भारी मन से काम करना इन्हे बिलकुल भी नहीं भाता. ये अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काफी मेहनत करते है. इन्हे अपने भाग्य या किस्मत से ज्यादा अपनी मेहनत पर विश्वास होता है. वैसे तो ये बहुत ही शांत नजर आते है लेकिन जब इन्हे गुस्सा आता है तब ये किसी की भी नहीं सुनते.
राशिफल 2019 के अनुसार यह साल स्टूडेंस के लिए बढ़िया है. साल के शुरुआत में मेष राशि के स्टूडेंटन्स को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है हालाँकि यदि आप नियमित रूप से अपनी पढ़ाई पर फोकस करें तो बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. करियर को लेकर बहुत अच्छे अवसर मिलने वाले है. बस जरूरत है तो इन अवसरों को समय रहते पहचनाने की. छात्र इस दौरान शिक्षा के प्रति ख़ुद को अनुशासित रखें।  पढ़ाई में निरंतरता बनाये रखने के लिए गायत्री मन्त्र का जप करें. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए यह साल बहुत ही फायदेमंद रहेगा. क्योकि इस साल भाग्य के पूरे साथ और आपकी सही दिशा में प्रयास आपको अच्छे रिजल्ट दिलाएंगे. उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले स्टूडेंटन्स को भी अच्छी खबर मिल सकती है साथ ही किसी विदेशी शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा पाने के अवसर भी प्राप्त हो सकते है.
राशिफल 2019 के अनुसार इस साल करियर के मामले में आपको मिले जुले परिणाम प्राप्त होंगे. हालाँकि आप अपने प्रयासों से उन्नति प्राप्त करने में सफल रहेंगे. कार्यक्षेत्र में प्रमोशन की संभावना है. इसके आलावा आपकी किस्मत भी आपका पूरा साथ देगी. साल के शुरूआती भाग में आपको अधिक मेहनत करनी होगी. लेकिन आगे चलकर आपको अच्छे लाभ होंगे. यदि आप प्राइवेट जॉब कर रहे है तो आपको अभी सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी. हालाँकि आपके सीनियर और आपके बॉस आपके काम की प्रशंसा भी करेंगे. काम के सिलसिले में घर से दूर रहना पड़ सकता है. सॉफ़्टवेयर इंजीनियर में अपना करियर बना रहे लोगो के लिए यह साल काफी शुभ है. इस साल विदेश जाने की संभावना भी बन रही है. सरकारी नौकरी कर रहे लोगो को इस साल करियर से जुडी कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है.
राशिफल 2019 के अनुसार यह साल पारिवारिक जीवन के लिए बहुत ही ख़ास रहने वाला है. यदि परिवार में काफी समय से कोई परेशानी चल रही है तो वह भी साल के शुरूआती भाग में ही सुधर जाएँगी. पार्टनर से मिल रहे सहयोग से आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी. इस दौरान आप अपनी फैमिली के साथ छोटी दूरी की  यात्रा पर जा सकते है. परिवार में कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम सम्पन्न हो सकता है. इस साल आपको अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का अहसास होगा. और आप अपनी सभी जिम्मेदारियां बहुत अच्छे से निभाएंगे. परिवार के किसी बड़े सदस्य के साथ कोई बड़ी मदद मिल सकती है. कुल मिलाकर इस साल आपका पारिवारिक जीवन बहुत अच्छा रहेगा.
राशिफल 2019 के अनुसार यह साल आर्थिक स्थिति के मामले में आपके लिए सामान्य रहेगा. साल के शुरूआत में आर्थिक स्थिति वैसे तो बढ़िया रहेगी लेकिन इस समय आपके धन ख़र्चे अधिक बढ़ सकते है. जून-जुलाई में आर्थिक स्थिति के मजबूत होने के योग बन रहे है साथ ही आर्थिक लाभ भी हो सकता हैं. यदि आप कार्यरत है तो इस साल आय में वृद्धि के योग बन रहे है. अपना व्यवसाय कर रहे लोगो को व्यवसाय से अपार मुनाफा हो सकता है. ज्योतिष अनुसार मार्च-अप्रैल और नवंबर-दिसंबर का समय वह समय है जिसमे आपकी आर्थिक स्थिति बहुत ही शानदार रहने वाला है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से मेष राशि के लोगो के लिए यह साल सामान्य रहने वाला है. इस साल आपको अपने मन को शांत चित रखने की आवश्यकता है. वैसे तो सेहत पूरे साल बढ़िया रहने वाली है लेकिन मौसम  परिवर्तन हेतु सेहत का ध्यान रखने की काफी जरूरत है.नबंवर व  दिसंबर का महीना सेहत की दृष्टि से बहुत ही अनुकूल है. इस समय आप स्वयं को पूरी तरह से फिट महसूस करेंगे। हालाँकि साल के शुरूआती दौर में अपनी सेहत का ध्यान रखें. खुद को फ़ीट रखने के लिए नियमित रूप से योग, व्यायाम करें और अपने खान पान पर भी ध्यान दे.
नोट - यह वर्षफल वर्तमान ग्रह गोचर के अनुसार है, प्रत्येक व्यक्ति की कुण्डली के अनुसार व्यक्तिगत वर्षफल में  भिन्नता  रहेगी !
पंडित राजन जेतली

(ज्योतिषी, आध्यात्मिक चिकित्सक एवं मन्त्र-यन्त्र परामर्शदाता)
ज्योतिष मणि, ज्योतिष शास्त्री, M.B.A.
सम्पर्क – 9971234977 एवं 9013155363 (कार्यालय प्रातः 11 से सायं 5 बजे)

Tuesday 6 November 2018

राशि - लक्ष्मी मंत्र

दीपावली के दिन अथवा सामान्य तौर पर भी यदि आप अपनी राशि के अनुसार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें तो उत्तम है, वैसे तो हमारी पुस्तक जिनके पास है उनके पास मन्त्र उपलब्ध हैं फिर भी आप सभी के लिए हम मन्त्र नीचे दे रहे हैं।

*राशि - लक्ष्मी मंत्र*

मेष - ॐ ऐं क्लीं सौं:

वृषभ - ॐ ऐं क्लीं श्रीं

मिथुन - ॐ क्लीं ऐं सौं:

कर्क - ॐ ऐं क्लीं श्रीं

सिंह - ॐ ह्रीं श्रीं सौं:

कन्या - ॐ श्रीं ऐं सौं:

तुला - ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं

वृश्चिक - ॐ ऐं क्लीं सौं:

धनु - ॐ ह्रीं क्लीं सौं:

मकर - ॐ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौं:

कुंभ - ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं

मीन - ॐ ह्रीं क्लीं सौं:

*Pandit Rajan Jaitly*
9971234977
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*दीपावली के उपाय*

*दीपावली के उपाय*

- सुबह नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें

- मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वस्तिक बनायें

- सुबह अपने सामर्थ्य अनुसार गेहूँ का दान करें

- घर में नमक मिले हुए पानी से पोछा लगायें

- आम के पत्तों का तोरण अपने दरवाजे पर लगायें

-मुख्य द्वार के दोनों तरफ गेहूँ के ढेर पर दीपक जलायें

- बिल्व वृक्ष / पीपल / गुलर के नीचे दीपक जलायें

*संक्षिप्त लक्ष्मी पूजन :*

चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर लक्ष्मी जी-गणेश जी सरस्वती जी और विष्णु जी की प्रतिमा /फोटो रखें, कुबेर जी की कोई फोटो या मूर्ति है तो वो भी रख सकते हैं
कोशिश कीजिये बैठ कर पूजन करें बहुत सारे घरों में मंदिर दिवार में लगाये होते हैं, आज के दिन जमीन पर चौकी बिछाकर, आसन बिछाकर बैठकर ही पूजन करें ।

कलश स्थापित करें

दो बड़े दीपक जलायें (1 तेल बायीं तरफ), 1 घी (दाईं तरफ)
एक दीपक गणेश जी के लिए भी जलायें

पूजा में इत्र की शीशी रखें, रुई पर इत्र लगाकर लक्ष्मी जी को समर्पित करें

भोग सामग्री:
नारियल
मखाना, सिंघाड़ा व सीताफल (शरीफा)
गन्ना, अनार, सेब व केला
बताशे
शहद वाला पान
कमलगट्टा, सुपारी, इलाइची, आँवला, तुलसी व सुपारी
सफ़ेद मिठाई

श्री सूक्त, महालक्ष्मी अष्टक या अपनी सुविधानुसार कोई भी महालक्ष्मी मंत्र जाप करें

लक्ष्मी जी की आरती करें

क्षमा प्रार्थना एवं शांति पाठ करें

पूजा के बाद पूरे घर में अलक्ष्मी निष्कासन के लिए शंख व डमरू बजाएं।

*Pandit Rajan Jaitly*
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Monday 5 November 2018

दीपावली पर अपनी राशि का यह उपाय कर लें, मां लक्ष्मी ठहर जाएंगी आपके घर

*इस दीपावली पर अपनी राशि का यह उपाय कर लें, मां लक्ष्मी ठहर जाएंगी आपके घर में*

इस दीपावली अवसर न जाने दें अपनी राशि का उपाय कर ही डालें, बहुत सरल हैं यह 12 उपाय

दीपावली सिद्ध शुभ मुहूर्त है। इसे किसी भी तरह यूं ही नहीं जाने देना चाहिए। इस दिन कई प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन राशि के अनुसार उपाय आजमा कर लाभ को कई गुना बढ़ाया जा सकता है।

(1) मेष राशि : गणेशजी को बूंदी के लड्डू चढ़ाएं। रंगीन कंबल या गर्म कपड़े दान करें। कुत्तों को इमरती खिलाएं। नैऋत्य कोण में सरसों का दीपक रातभर जलाएं। पंडित राजन जेतली

(2) वृषभ राशि : हनुमानजी को गुड़-चना चढ़ाएं। बच्चों को रेवड़ियां बांटें। दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं।पंडित राजन जेतली

(3) मिथुन राशि : पानी वाला नारियल तथा बादाम दुर्गाजी को या काली मंदिर में दक्षिणा सहित चढ़ाएं (रात्रि में)। पक्षियों को दाना चुगाएं। घर के बड़ों-बुजुर्गों को वस्त्रादि भेंट करें। घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।पंडित राजन जेतली

(4) कर्क राशि : हनुमानजी को बेसन के लड्डू चढ़ाएं। काली उड़द दान करें। तेल लगी रोटी कु्तों को खिलाएं। पश्चिम दिशा में घी का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(5) सिंह राशि : सप्तधान दान करें। उड़द का सामान बांटें। घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(6) कन्या राशि : शनि मंदिर में तेल का दीपक लगाकर तेल दान करें। गरीबों को भोजन दान करें। नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(7) तुला राशि : पीपल में मीठा जल चढ़ाकर तेल का दीपक लगाएं रात्रि में। घर के पश्चिम में घी का दीपक तथा नैऋत्य में तेल का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(8) वृश्चिक राशि- रंगीन कंबल दान करें। घर के ब्रह्मस्थल पर घी का दीपक रातभर जलाएं। हनुमानजी को लड्डू का नैवेद्य लगाएं।पंडित राजन जेतली

(9) धनु राशि : गणेशजी को लड्डू चढ़ाएं। गाय को रोटी पर घी तथा गुड़ रखकर खिलाएं। शिवजी को जल में काले तिल मिलाकर चढ़ाएं। घर के नैऋत्य कोण में तेल का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(10) मकर राशि : साबुत मसूर दान करें। घर के बड़ों को भेंट दें। घर की दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

(11) कुंभ राशि : दुर्गाजी को नारियल चढ़ाएं। पक्षियों को दाना चुगाएं। घर के नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक लगाएं। सुगंधित जल से रुद्राभिषेक करें।पंडित राजन जेतली

(12) मीन राशि : शनि मंदिर में दीपक, तेल तथा काली उड़द दान करें। तेल लगी रोटी कुत्तों को खिलाएं। पश्चिम दिशा में घी का दीपक लगाएं।पंडित राजन जेतली

Pandit Rajan Jaitly
9971234977
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Sunday 4 November 2018

धनतेरस की पूजन विधि

*धनतेरस पूजन विधि*
(घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए)

दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि, भगवान महामृत्युंजय शिव, कुबेर और लक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ में धन को कमाने और उसके सदुपयोग की सद्बुद्धि के लिए गायत्री और गणेश के मन्त्रों से पूजा की जाती है। "पंडित राजन जेतली"

1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुदेवो महेश्वरः । गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*

2 - गणेश आवाहन मन्त्र - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात ।।*

3- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*

4 -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-

*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*

5 - चौबीस (24) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*

6 - तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*

7 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*

8 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*

9 - तीन बार कुबेर का मंत्र जप करें - *ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्॥*

10 -  तीन बार आरोग्य देवता धन्वन्तरि गायत्री मन्त्र का जप करें- *ॐ तत् पुरुषाय विद्महे, अमृत कलश हस्ताय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि  प्रचोदयात्*

11 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*

दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। इसलिए दीपक की जगह विद्युत् से जलने वाली LED या किसी भी प्रकार की लाईट नहीं ले सकती। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें। दीपयज्ञ / दीपदान के बाद घर की तिज़ोरी / लेपटॉप / बैंक की पासबुक इत्यादि का पूजन अवश्य करें।

*धनतेरस 5 नवंबर 2018 की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त* *शाम 06:37 से लेकर 08:01* के बीच तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और आयु बढ़ती है।

*घर में बना हलवा या खीर प्रसाद में चढ़ाएं। यदि बजट है तो चांदी या स्वर्ण का कुछ भी सामान ख़रीद ले शाम 6:30 से पहले, उसे दूध में नहला के पूजन स्थल में साफ़ स्टील की कटोरी में लाल वस्त्र के ऊपर रख लें। उसका तिलक चन्दन कर पूजन के पश्चात् तिज़ोरी में रख दें, दीपावली के दिन पुनः उसका पूजन होगा।*

*पंडित राजन जेतली शास्त्री*
दिल्ली
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