Tuesday 28 May 2013

8 जून को बन रहा है दुर्लभ योग :



8 जून को बन रहा है दुर्लभ योग :
========================

अगले महीने 8 जून को एक दुर्लभ योग बन रहा है जो सभी के लिए खास रहेगा। यह योग उन लोगों के लिए विशेष रहेगा जिन पर वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपाय बहुत ही प्रभावकारी साबित होंगे और शनिदेव अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करेंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार शनि जयंती 8 जून को है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार 8 जून को शनिवार आ रहा है जो कि शनिदेव का ही दिन है इसलिए इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है। शनिवार के दिन अमावस्या होने के कारण इस दिन शनिश्चरी अमावस्या भी है।
इस प्रकार शनि जयंती के दिन ही शनिश्चरी अमावस्या का शुभ योग होने से शनिदेव के निमित्त किए गए उपाय बहुत ही शुभ फल प्रदान करेंगे।
अंक शास्त्र के अनुसार भी इस दिन दुर्लभ योग बन रहा है क्योंकि अंक ज्योतिष में 8 को शनि का अंक माना गया है। इस प्रकार शनि जयंती, शनिश्चरी अमावस्या व अंक 8 का योग शनिदेव के भक्तों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।
अंक शास्त्र के अनुसार अंक 8 शनि ग्रह का प्रतीक है अर्थात इसके स्वामी शनिदेव हैं। अंक ज्योतिष में शनि ग्रह को भाग्य ग्रह भी कहा गया है। तंत्र शास्त्र में भी अंक 8 को मानवीय न्याय का प्रतीक माना गया है। किसी भी महीने के शनिवार को यदि 8 तारीख आती है तो ये शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष शुभ मानी जाती है।
हुमारे संस्थान मे 5 दिन का शनि साडेसाती , ढैय्या व शनि की दशा की शांति हेतु एक विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 2 जून 2013 है
जन्म प्रत्रिका में साडेसाती , ढैय्या व शनि की दशा कष्टकारी हो तो शनिचरी अमावस से पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि अमावस के दिन पाप ग्रह शांति की जा सके और जीवन में सफलता प्राप्ति में आ रही बाधा को दूर किया जा सके - पंडित राजन जेटली

Saturday 18 May 2013

बरकत के लिए वास्तु का अदभुत प्रयोग



_______ बरकत के लिए वास्तु का अदभुत प्रयोग _______

हल्दी की गांठे साक्षात गणपति का स्वरुप मानी जाती है.
लक्ष्मी मां का आसान कमाल हैं कमलगट्टा उसी लक्ष्मी को आवाहन कर के स्थिर करने का आसान है.
कहावत हें कि धना को धना अर्थात धनिया (खड़ा धनिया) धन को आकर्षित करने वाला धनिया आयुर्वेद में भी अनेक रोगों का नाश करता है.

इसलिए वास्तु शास्त्र तथा हमारे पूज्यनीय मार्गदर्शक सद्ग्रन्थ सब का यही एक मत रहा है कि घर में १- नमक, कमलगट्टा, हल्दी(साबुत), साबुत-धनिया यह चार वस्तुए हमें चार प्रकार के सुख धर्म,अर्थ,काम ओर मोक्ष प्रदान करती है. जहाँ ये चार पदार्थ होंगे वहाँ शान्ति बनी रहेगी धन,पुत्र, भूमि आदि सभी सुख उस घर में स्थायी रूप से निवास करते है.

इन चार वस्तुओ को हम अपने घरों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नमक साबुत,धनिया तथा हल्दी की कम से कम ५ पांच गाँठ ओर कमलगट्टे कम से कम ११ नग होने चाहिये.अच्छी तरह से साफ़ कर के छोटी-छोटी पोलिथिन में अलग-अलग डाल कर बंद कर के किसी बड़ी पोलिथिन में डाल कर अपने घर के ईशानकोण में किसी सुरक्षित स्थान पर रख दे.

इसे केवल पूर्णिमा के दिन ही रखें. इन्हें समय समय पर चार या छह माह बाद चैक कर ले यदि कोई वास्तु खराब होने लगे तो उसे जल प्रवाह कर नया रख दे. इसके करने से आपका घर पूर्णतया माता लक्ष्मी का निवास बन जायगा. बरकत कभी भी खत्म नहीं होगी.रोग, शत्रु आदि कोसों दूर ही रहेंगे.

वास्तु का यह अदभुत प्रयोग करे और अपने घर में स्थायी सुख का स्थान सुरक्षित कर लें.

Wednesday 15 May 2013

तिलक



ललाट के मध्यभाग में दोनों भौहों से कुछ ऊपर ललाट बिंदु कहलाता है। सदैव इसी स्थान पर तिलक लगाना चाहिए। अनामिका उंगली से तिलक करने से शान्ति मिलाती है, मध्यमा से आयु बढ़ाती है, अंगूठे से तिलक करना पुष्टिदायक कहा गया है, तथा तर्जनी से तिलक करने पर मोक्ष मिलता है। विष्णु संहिता के अनुसार देव कार्य में अनामिका, पितृ कार्य में मध्यमा, ऋषि कार्य में कनिष्ठिका तथा तांत्रिक कार्यों में प्रथमा अंगुली का प्रयोग होता है। सिर, ललाट, कंठ, हृदय, दोनों बाहुं, बाहुमूल, नाभि, पीठ, दोनों बगल में, इस प्रकार बारह स्थानों पर तिलक करने का विधान है! विष्णु आदि देवताओं की पूजा में पीत चंदन, गणपति-पूजन में हरिद्रा चन्दन, पितृ कार्यों में रक्त चन्दन, शिव पूजा में भस्म, ऋषि पूजा में श्वेत चन्दन, मानव पूजा में केशर व चन्दन, लक्ष्मी पूजा में केसर एवं तांत्रिक कार्यों में सिंदूर का प्रयोग तिलक के लिए करना चाहिए।

Tuesday 14 May 2013

दु:ख और दरिद्रता निवारण उपाय


दु:ख और दरिद्रता निवारण उपाय
परिश्रम के उपरांत भी दरिद्रता आपका पीछा नहीं छोड़ रही हो तो हर रोज नित्यकर्म से निवृत हो स्नानोपरांत पवित्र और स्वच्छ लोटे में जल भरकर सात चुटकी तिल, 7 डली गुड़ और 7 दाने उड़द मिलाकर पीपल के पेड़ की 21 परिक्रमा ऊँ शं शान्ताय नम:मंत्र का जाप करते हुए करें। ऐसा नियमित 176 दिन करें। दरिद्रता से पीछा छूट जाएगा।

Saturday 4 May 2013

अक्षय तृतीया पर सफल दांपत्य जीवन के लिए करें यह उपाय ---



अक्षय तृतीया पर सफल दांपत्य जीवन के लिए करें यह उपाय -----

(
शादी के दिन अपनी राशि अनुसार करें पूजन)----

अक्षय तृतीया हिन्दू धर्मानुसार (हिन्दी पंचांग) वैशाख शुक्ल पक्ष 3 तीज के दिन आती है। वैवाहिक मुहूर्त के हिसाब से यह एक ऐसी तिथि है, जिसमें बिना मुहूर्त के भी जातक की शादी इस दिन की जा सकती है।

पंडित राजन जी  के अनुसार इस दिन जिनका विवाह है, वह जातक क्या करें या किस देवी-देवता का पूजन करें, ताकि उनके गृहस्थ जीवन में सुख, शांति व वैभव बना रहे।

मेष----- इस राशि वाले जातक भगवान गणेशजी के दर्शन करें एवं 'गं गणपतये नम:' की 9 माला करें।

वृषभ----- इस राशि वाले जातक कन्या का पूजन करें एवं दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

मिथुन----- इस राशि वाले जातक शि‍वशक्ति की आराधना करें।

कर्क----- इस राशि वाले जातक गुरु के दर्शन करें एवं शिवाष्टक या शिव चालीसा करें।

सिंह------ इस राशि वाले जातक प्रात: सूर्य दर्शन करें एवं आदित्यह्रदयस्तोत्रम का पाठ करें।

कन्या------ इस राशि वाले जातक माताजी (दुर्गा) के दर्शन करें एव गणेश चालीसा करें।

तुला------ इस राशि वाले जातक राधाकृष्ण के दर्शन करें एवं कृष्णाष्टक या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' की माला करें।

वृश्चिक------- इस राशि वाले जातक शिवजी के दर्शन करें एवं शिव के द्वादश नाम का उच्चारण करें (बारह ज्योतिर्लिंग का नाम उच्चारण करें)।

धनु----- इस राशि वाले जातक दत्त भगवान के दर्शन करें एवं गुरु का पाठ करें।

मकर- इस राशि वाले जातक हनुमानजी के दर्शन करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।

कुंभ----- इस राशि वाले जातक राम-सीता के दर्शन करें एवं रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें।

मीन---- इस राशि वाले जातक श्री गणेश या सांईं बाबा के दर्शन करें एवं 'बृं बृहस्पते नम:' की 9 माला करें।