Wednesday 31 July 2013

गोमती चक्र : ये छोटा पत्थर कर सकता है आपकी हर समस्या का समाधान



गोमती चक्र : ये छोटा पत्थर कर सकता है आपकी हर समस्या का समाधान

तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं में एक ऐसे पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है। इस पत्थर को गोमती चक्र कहते हैं। गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी में मिलता है। गोमती चक्र अनेक समस्याओं का निवारण करता है। तंत्र शास्त्र में इसे बहुत ही खास पत्थर माना गया है।
1-      धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें। उनके सामने श्री नम: का जप करें। इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी।
2-      पेट संबंधी रोग होने पर 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें तथा सुबह उस पानी को पी लें। इससे पेट से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है।
3-      गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं।
4-      होली, दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है। अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है। सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
5-      यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर घुमाकर आग में डाल दें तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।
6-      यदि घर में बीमारी हो या किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर बांध दें। उसी दिन से रोगी को आराम मिलने लगता है।
7-      प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे।
8-      व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।
9-      पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में हलूं बलजाद कहकर फेंद दें, मतभेद समाप्त हो जाएगा।
10-   पुत्र प्राप्ति के लिए पांच गोमती चक्र लेकर किसी नदी या तालाब में हिलि हिलि मिलि मिलि चिलि चिलि हुक पांच बोलकर विसर्जित करें, पुत्र प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
11-   यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है।
12-   यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है।
13-   यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र लेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे।

Tuesday 30 July 2013

आपकी राशि और शिव पूजा


आपकी राशि और शिव पूजा

शिव पुराण में उल्लेख हैं की महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी, शिववरात्रि के दिन शिव पूजन, व्रत और उपवास से व्यक्ति को अनंत फल की प्राप्ति होती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति अपनी राशि के अनुसा भगवान शिव की आराधना और पूजन कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

मेष : जल या दूध के साथ में गुड़, शहद (मधु) लाल चंदन, लाल कनेर के फूल सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल/ दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

वृषभ : जल या दही के साथ में शक्कर(मिश्री), अक्षत(चांवल), सफेद तिल, सफेद चंदन, श्वेत आक फूल सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल या दही के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

मिथुन: गंगा जल या दूध के साथ में दूब, जौ, बेल पत्र सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को गंगा जल या दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

कर्क : दूध या जल के साथ में शुद्ध घी, सफेद तिल, सफेद चंदन, सफेद आक सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को दूध या जल के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

सिंह: जल या दूध के साथ में शुद्ध घी, गुड़, शहद (मधु, महु, मध) लाल चंदन सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल या दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

कन्या : गंगा जल या दूध के साथ में दूब, जौ, बेल पत्र सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को गंगा जल या दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

तुला : गंगा जल या दही के साथ में शक्कर(मिश्री), अक्षत(चांवल), सफेद तिल, सफेद चंदन, श्वेत आक फूल, सुगंधित इत्र सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल या दही के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

वृश्चिक : जल या दूध के साथ में घी, गुड़, शहद (मधु, महु, मध) लाल चंदन, लाल रंग के फूल सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल/ दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता हैं।

धनु : जल या दूध के साथ में हल्दी , केसर, चावल, घी, शहद, पीले फुल, पीली सरसों, नागकेसर सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल/ दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

मकर : गंगा जल या दही के साथ में काले तिल, सफेद चंदन, शक्कर(मिश्री), अक्षत(चांवल),सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को अभिषेक गंगा जल या दही के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

कुंभ : गंगा जल या दही के साथ में काले तिल, सफेद चंदन, शक्कर(मिश्री), अक्षत(चांवल),सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को अभिषेक गंगा जल या दही के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

मीन : जल या दूध के साथ में हल्दी , केसर, चावल, घी, शहद, पीले फुल, पीली सरसों, नागकेसर सब मिला कर या किसी भी एक वस्तु को जल/ दूध के साथ मिला कर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।

कोइ भी व्यक्ति जिसे अपनी राशि पता नहीं हैं वह व्यक्ति
जल या दूध के साथ शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं ।

Sunday 28 July 2013

देवी-देवताओं की प्रमुख स्तुतियों में चालीस ही दोहे होते हैं



केवल हनुमान चालीसा ही नहीं सभी देवी-देवताओं की प्रमुख स्तुतियों में चालीस ही दोहे होते हैं? विद्वानों के अनुसार चालीसा यानि चालीस, संख्या चालीस, हमारे देवी-देवीताओं की स्तुतियों में चालीस स्तुतियां ही सम्मिलित की जाती है। जैसे श्री हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा आदि। इन स्तुतियों में चालीस दोहे ही क्यों होती है? इसका धार्मिक दृष्टिकोण है। इन चालीस स्तुतियों में संबंधित देवता के चरित्र, शक्ति, कार्य एवं महिमा का वर्णन होता है। चालीस चौपाइयां हमारे जीवन की संपूर्णता का प्रतीक हैं, इनकी संख्या चालीस इसलिए निर्धारित की गई है क्योंकि मनुष्य जीवन 24 तत्वों से निर्मित है और संपूर्ण जीवनकाल में इसके लिए कुल 16 संस्कार निर्धारित किए गए हैं। इन दोनों का योग 40 होता है। इन 24 तत्वों में 5 ज्ञानेंद्रिय, 5 कर्मेंद्रिय, 5 महाभूत, 5 तन्मात्रा, 4 अन्त:करण शामिल है।

Tuesday 23 July 2013

सावन माह में ये करें :-

सावन माह में ये करें :-
1. पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और शहद) चढ़ाने के लिए विशेष मंत्र {कामधेनु समुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम्। पावनं यज्ञहेतुश्च पय: स्नानाय गृहृताम्।। ऊँ शिवाय नम:। पय: स्नान समर्पयामि} इसके बाद अन्य शास्त्रोक्त पूजा सामग्रियों का चढ़ावा करें।

2. शिवलिंग के दक्षिण दिशा की ओर बैठकर यानी उत्तर दिशा की ओर मुंह कर पूजा और अभिषेक शीघ्र फल देने वाला माना गया है।

3. विवाह में अड़चन :- रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं।

4. धन प्राप्ति :- किसी नदी या तालाब जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं, रोज।

5. सुख-समृद्धि :- नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं, रोज।

6. अन्न की कमी :- गरीबों को भोजन कराएं,रोज।

7. मनोकामनाएं :- 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं साथ ही एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें।

8. शनि दोष :- (I) महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी बहुत असरदार है, (II) रुद्र अवतार हनुमान की उपासना करें, (III) सात तरह के अनाज का दान भी करना शनि कृपा का श्रेष्ठ उपाय है, (IV) शिव मंत्रों का पाठ भी शनि पीड़ा से रक्षा करता है। {ऊँ कालकालाय नम:}, {ऊँ नीललोहिताय नम: }, (V) केले या गाय के दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित कर धूप व घी का दीप लगाएं। इसके बाद शिव मंत्र का स्मरण करें –
{शंकराय नमस्तुभ्यं नमस्ते करवीरक।
त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्वरमत: परम्।।
नमस्तेस्तु महादेव स्थावणे च तत: परम्।
नम: पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नम:।।
नमस्ते परमानन्द नम: सोमर्धधारिणे।
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गत:।। }
शिव पूजा, मंत्र स्मरण के बाद आरती करें। (VI) शनिवार को श्री हनुमान के चरणों में जाकर काली उड़द चढ़ाएं। (VII) बालकृष्ण को केसर चंदन लगाकर माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें और शनि की प्रसन्नता की कामना करें।

9. बिल्वपत्र न तोड़े :- चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्राति (सूर्य का राशि बदल दूसरी राशि में प्रवेश), सोमवार, नए बिल्वपत्रों की जगह पर पुराने बिल्वपत्रों को जल से पवित्र कर शिव पर चढ़ाए जा सकते हैं।

10. लक्ष्मी प्राप्ति :- पंचोपचार पूजा में चंदन, अक्षत के बाद तीन पत्ती वाले 11, 21, 51 या श्रद्धानुसार ज्यादा से ज्यादा बिल्वपत्र शिवलिंग पर इस मंत्र को बोलते हुए चढ़ाएं {त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं त्रयायुधम। त्रिजन्म पापसंहारं मेकबिल्वं शिवार्पणम।।}, शिव मंत्र जप या स्तुति कर शिव आरती करें। खुशहाल, धनी और सेहतमंद रहने की कामना करें।

Sunday 7 July 2013

कर्ज खत्म करने के लिए क्या करें



कर्ज खत्म करने के लिए क्या करें

एक बहुत ही आजमाया हुआ कारगर उपाय है जिससे हर किसी को इस मुसीबत से छुटकारा मिल सकता है | जिन लोगों ने इस उपाय को किया है न केवल कर्ज से मुक्त हुए हैं बल्कि धनी भी बन गए हैं | आवश्यकता है तो बस विशवास की, श्रद्धा की और समर्पण की |

गणेश जी को ऋणहर्ता माना गया है | उन्ही की कृपा से आपको कर्ज से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है | पूरे विशवास के साथ किसी भी मंगलवार की सुबह गणेश जी के आगे आसान बिछाकर बैठ जाएँ | धूप दीप से पूजन करने के बाद हाथ में जल लेकर संकल्प लें | ४० दिन, महीने या कर्ज की आयु के अनुसार ९ महीने नीचे लिखे गणेश मन्त्र का प्रतिदिन ३ माला जप करें |

ओम गणेश ऋणं छिन्दि छिन्दि वरेण्यम हूं नमः फट

जप के दोरान धूप दीप जलता रहना चाहिए और इस साधना के समाप्त होने तक इस मन्त्र का जिक्र किसी से मत करें | पहले १५ दिन के भीतर ही आपको आशा की किरण दिखाई देने लगेगी |