24 दिसम्बर को शनि अमावस्या है।
इस दिन भगवान शनि को विधि-विधान पूजन सभी मनोकामनाएं पूरी करता है।
सा़ढ़ेसाती व ढैया प्रभावित जातक शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं।
24 दिसंबर को शनिश्चरी अमावस्या का मुहूर्त प्रातः 6.30 से प्रारंभ होकर रात्रि 3.40 तक रहेगा।
ऐसे करें पूजा :
1. शनिश्चरी अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2. पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
3. तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
4. अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
5. शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
6. इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
7. काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
इस दिन भगवान शनि को विधि-विधान पूजन सभी मनोकामनाएं पूरी करता है।
सा़ढ़ेसाती व ढैया प्रभावित जातक शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं।
24 दिसंबर को शनिश्चरी अमावस्या का मुहूर्त प्रातः 6.30 से प्रारंभ होकर रात्रि 3.40 तक रहेगा।
ऐसे करें पूजा :
1. शनिश्चरी अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2. पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
3. तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
4. अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
5. शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
6. इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
7. काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
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