Saturday 19 May 2012

शनि जयंती (20 मई 2012 )

शनि जयंती (20 मई 2012 )

( शनि देव जी का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था। )
शनि जयंती महापर्व है। इस दिन शनि देव से संबंधित उपाय करने से कुंडली में स्थित अशुभ शनि बुरा असर नही डालेगा। शनि जयंती पर शनि देव से संबंधित छोटे से छोटा उपाय भी बड़ा फल देने वाला होता है : -

1. शनि जयंती के एक दिन पहले यानी 19 मई को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो कर रख दें। इसके बाद शनि जयंती के दिन नहाकर साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसौं के तेल में छौंककर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना अपने ऊपर से ऊतारकर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं। शनिदेव के प्रकोप में अवश्य कमी होगी।

2. शनिजी की प्रतिमा को देखते समय उनकी आँखों को नहीं देखें।

3. तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ता व भिखारी को करें।

4. यात्रा को टालें।

5. हनुमानजी के मंदिर के दर्शन अवश्य करें, बंरंग बाण का पाठ करे।

6. शनिदेव पर काले तिल का तेल चढ़ाकर कुमकुम, अक्षत, काले तिल के अलावा विशेष रूप से काली तुलसी चढ़ाने को शनि दशा अनुकूल बनाने के लिए बहुत शुभ और असरदार माना गया है। काली तुलसी चढ़ाते वक्त :- “ॐ शं शनैश्चचराय नम:” मंत्र भी बोला जा सकता है।

7. इस दिन संभव हो तो शनि ग्रह के बुरा असर शांत करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और काली या लोहे से बनी वस्तुओं का दान करें।

8. रात्रि को एक बार बिना नमक का भोजन करें।

9. स्नान के बाद किसी देवालय या पवित्र स्थान पर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि के इन 10 नामों अधिक से अधिक बार ध्यान करें। ये दस नाम हैं-

- कोणस्थ, पिंगल, बभु्र, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मन्द, पिप्पलाश्रय

10. शनिदेव से अपने बुरे कामों और अपराधों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

11. शनि जयंती के दिन लोहे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी शक्ल देखें तथा उसे आंक (आंकड़े) के पेड़ की जड़ में डाल दें। इसके बाद ऐसा लगातार पांच शनिवार तक करें और हर बार लोहे की कटोरी को उसी पेड़ के नीचे दबा दें। ऐसा करने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं।

12. दान जप आदि करने से साढ़ेसाती के फल पीडादायक नहीं होते हैं। गुरूद्वारा मंदिर देवालय तथा सार्वजनिक स्थलों की स्वयं साफ सफाई करने रोगी और अपंग व्यक्तियों को दान देने से भी शनि की शांति होती है।

13. सवा किलो सरसों का तेल किसी मिट्टी के कुल्डह में भरकर काला कपडा बांधकर किसी को दान दे दें या नदी के किनारे भूमि में दबाये। (43 दिनो तक करें)

14. उडद के आटे के 108 गोली बनाकर मछलियों को खिलाने से लाभ होगा। (40 दिन तक करें)

15. अपना कर्म ठीक रखे, मन्दिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं.,माता-पिता और गुरु जानो का सम्मान करे ,अपने धर्मं का पालन करे, भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें.,पितरो का श्राद्ध करें. या प्रत्येक अमावस को पितरो के निमित्त मंदिर में दान करे,गाय और कुत्ता पालें, यदि किसी कारणवश कुत्ता मर जाए तो दोबारा कुत्ता पालें. अगर घर में ना पाल सके तो बाहर ही उसकी सेवा करे,यदि सन्तान बाधा हो तो कुत्तों को रोटी खिलाने से घर में बड़ो के आशीर्वाद लेने से और उनकी सेवा करने से सन्तान सुख की प्राप्ति होगी .गौ ग्रास. रोज भोजन करते समय परोसी गयी थाली में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्ते को एवं एक हिस्सा कौए को खिलाएं आप के घर में हमेसा बरक्कत रहेगी..

No comments:

Post a Comment