Thursday 1 November 2012

करवा चौथ २ नवम्बर २०१२ (कार्तिक कृष्णपक्षीय चतुर्थी)

करवा चौथ २ नवम्बर २०१२ (कार्तिक कृष्णपक्षीय चतुर्थी)
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में चंद्रोदय तिथि, चतुर्थी को किया जाता है. यह व्रत उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मुख्य रूप से मनाया जाता है. यह व्रत शादीशुदा स्त्रियां अटल सुहाग, पति की दीर्घ आयु, स्वास्थ्य एवं मंगलकामना के लिए करती हैं. व्रत में भगवान् श्री गणेश, भगवान् श्री शिव जी, माता पार्वती जी, कुमार कार्तिकेय जी, तथा चंद्र देव का पूजन करने का विधान है. यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब ४ बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है. सुबह के समय सरगी आदि लेकर व्रत शुरू हो जाता है. यह व्रत संकल्प के साथ शुरू करके, १२ या फिर १६ वर्ष तक रख कर, उद्यापन कर दिया जाता है, यदि सुहागन महिलाये पुरे जीवन काल में करना चाहे तो कर सकते है.
विधि तो बतानी की, मै ज़रुरत नहीं समझता, क्यूंकि वो सब को पता ही है, पर इस दिन कुछ खास उपाय भी किये जा सकते है. जिससे जीवन में खुशहाली बढ सके.........

१. दाम्पत्य जीवन के खुशाली के लिए विवाहित महिलायें माता दुर्गा जी की चालीसा के साथ उनके १०८ नाम भी जपने शुरू कर दे, इस दिन से.... और ताम्बे के बर्तन में, जल में गुड डाल कर सूर्य देव को अर्पित करे.


२. यदि पति ज्यादा गुस्सा करते हो तो एक पानी वाला नारियल (जो पूजा में रखा जाता है), ७ अभिमंत्रित गोमती चक्र (अभिमंत्रित चक्र किसी योग्य ब्राह्मण - पंडित जी से ले सकते है, जिन्होंने जेनऊ धारण किया हुआ हो) और गुड की २ छोटी - छोटी डली लेकर किसी पीले रेशमी कपडे में, पोटली बना कर रख ले, भगवान् शिव जी से प्रार्थना करे, फिर पोटली को, जब पति सो जाए उनके ऊपर से ७ बार एंटी-क्लॉक वाइज उसार कर, साफ़ चलते पानी में बहा दे और सूर्य देव जी को जल में गुड डाल कर अर्पित करते रहे.


३. यदि किसी के घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो इस दिन ज़रूर लगाये और एक गेंदे का फूल अर्पित करना शुरू करे, इस दिन से...... विवाहिक जीवन में प्यार बढेगा.


४. पति-पत्नी में प्यार के लिए, दोनों को एक दुसरे का सहयोग करना चाहिए और इस दिन से शुरू करते हुए लगातार ११ दिन ये उपाय करे........... सवा किलो काले उड़द और सवा किलो मेहँदी, रेशमी नीले कपडे में बाँध दे और ये पोटली घर के पूजा स्थान में रख कर, भगवान् श्री गणेश जी को लड्डू का भोग लगा कर, भगवान् शिव जी और माता पार्वती जी से प्रार्थना करने के बाद, श्री सुंदरकांड का पाठ करे, पाठ समाप्ति तक धूप - दीप जलते रहने चाहिए, तत्पश्चात ये पोटली अपने - अपने सर से ११ बार ही एंटी-क्लॉक वाइज उसार कर साफ़ चलते पानी में बहा दे.


५. दाम्पत्य जीवन में सुख की वृद्धि के लिए, ब्रहस्पतिवार की शाम को एक हडियां, ढक्कन समेत खरीद कर लाये, हडियां को अच्छी तरह से साफ़ करके उसमे पानी भर कर पूरी रात रखा रहने दे, प्रातः करवा चौथ वाले दिन, विवाहित महिलायं अपने सब कार्य करके... हंडिया से पानी फेक कर उसमे सवा किलो मशरूम डाल दे, तत्पश्चात पति सहित घर के पूजा स्थान में बैठ कर, भगवान् श्री गणेश जी को प्रणाम करके, भगवान् भोले नाथ जी से प्रार्थना करके महामृत्युंजय मंत्र की ११ माला जप करे, फिर जप के बाद ये हंडिया माता पार्वती जी के मंदिर में जाकर उनके चरणों में रख आये और दोनों अपने जीवन की मंगल कामना की प्रार्थना करके घर वापस आ जाए.


६. दोनों पति-पत्नी अपने वज़न के बराबर हरा चारा गौ माता को खिलाय और गौ माता से प्रार्थना करे, दाम्पत्य जीवन में कभी कोई कष्ट ना आये. ज़रूर सफलता प्राप्त होगी.


७. दोनों पति-पत्नी इस दिन एक पीपल जी का पौधा लगाये, जैसे - जैसे पौधा बड़ा होगा जीवन से दिक्कत दूर होती जायेगी. पौधा लगाने के बाद ७ परिकर्मा ज़रूर करे. क्लॉक-वाइज.

८. दाम्पत्य जीवन में मधुरता लाने के लिए, २ अभिमंत्रित गोमती लाये, एक पर पति का नाम और दुसरे पर पत्नी का नाम लिख दे, (शुद्ध केसर में गंगा जल मिलाकर स्याही बनाये और अनार की कलम या फिर आम की कलम से लिख दे) दोनों गोमती चक्र को सवा पाव पीली सरसों के साथ लाल सूती कपडे में बाँध कर घर के पूजा स्थान में रख दे, संध्या समय पूजा के पश्चात ये पोटली घर में ही अलमारी में संभाल कर रख दे.

९. इस दिन पति-पत्नी अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए तो बहुत ही शुभ परिणाम दाम्पत्य जीवन में मिलते है, माता पार्वती जी को भी श्रृंगार - चुन्नी ज़रूर अर्पित करे साथ में...... अभिषेक पश्चात "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी. दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते" मंत्र की ५-५ माला दोनों पति-पत्नी करे.


१०. दाम्पत्य जीवन में सुधार के लिए इस दिन से शुरू करते हुए, चावल पकाकर उसमे बुरा डाल कर गौ माता को खिलाना शुरू करे, ४० दिन तक. पति-पत्नी दोनों नहाने वाले पानी में गौ दुग्ध (चाहे थोडा सा ही हो) डाल कर स्नान करे और केसर में हल्दी मिलाकर तिलक लगाना शुरू करे. संध्या समय माता पार्वती जी से प्रार्थना ज़रूर करनी है और हो सके तो उनके चरणों में मेहँदी अर्पित कर दिया करे.


माताओ और बहनों को करवा चौथ की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.....

धन्यवाद.

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