Monday 1 October 2012

शिव गायत्री मंत्र

शिव गायत्री मंत्र

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तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहितन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।'
इस मंत्र का विशेष विधि-विधान नहीं है। इस मंत्र को किसी भी सोमवार से प्रारंभ कर सकते हैं। इसी के साथ सोमवार का व्रत करेंतो श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होंगे।
शिवजी के सामने घी का दीपक लगाएँ। जब भी यह मंत्र करें एकाग्रचित्त होकर करें, पितृदोष, एवं कालसर्प दोष वाले व्यक्ति को यह मंत्र प्रतिदिन करना चाहिए। सामान्य व्यक्ति भी करे तो भविष्य में कष्ट नहीं आएगा।इस जाप से मानसिक शांति, यश,समृद्धि, कीर्ति प्राप्त होती है। शिव की कृपा का प्रसाद मिलता है।

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