विजय दशमी पर्व की बहुत बहुत शुभ कामनाऍ............ विजयादशमी अथार्त दशहरा का पर्व इस बार २४ अक्तुबर २०१२, (बुधवार) को......
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है, दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. भगवान श्री राम चन्द्र जी ने इसी दिन रावण का वध किया था. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा. ये अभूज मुहूर्त कहलाते है................
कथा : - इस दिन राम ने रावण का वध किया था. रामायण के अनुसार राम तथा सीता जी के वनवास के दौरान रावण, राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लंका ले जाता है. तब भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता जी को रावण के बंधन से मुक्त कराने हेतु राम ने भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान एवं वानरों की सेना के साथ मिलकर रावण के साथ एक बड़ा युद्ध करते हैं.
युद्ध के दौरान श्री राम जी नौ दिनों तक युद्ध की देवी मां दुर्गा जी की पूजा करते हैं तथा दसवें अर्थात दशमी के दिन रावण का वध करते हैं और सीता जी को बंधन से मुक्त कराते हैं. इसलिए विजयदशमी एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है. इस दिन रावण, उसके भाई कुम्भकरण और पुत्र मेघनाद के पुतले जगह-जगह में जलाए जाते हैं.
उपाय क्या करे इस दिन ................
१. इस दिन काली गूंजा को गंगा जल और गौ माता के दूध से शुद्ध करके जो भी पास में रखता है, उसके काफी संकट दूर होते है..... ध्यान रखे की मुसीबत के समय इसका रंग अपने आप बदल जाएगा........
२. इस दिन नागकेशर के पौधा का रोपण करे और उसकी देखभाल करे.... जैसे - जैसे पौधा बढेगा आपकी उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होगा.....
३. इसी तरह से बरगद में पेड़ के नीचे जो भी पौधा हो उससे जड़ समेत लेकर घर में लगाये और उसकी देखभाल करे तो भी उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.....
४. इस दिन सूर्यास्त के समय आधा किलो दूध में ९ बूँद शुद्ध शहद की डाल कर (अगर घर बड़ा हो तो १ किलो दूध में १८ बूँद शहद की डाले) पुरे घर में छिडकाव करे. उसके बाद जो दूध बच जाए, वो चौराहे पर रख आये. ऐसा पुरे २१ दिन करना है. घर में कैसी भी नकारात्मक शक्ति होगी वो दूर होगी. सूर्यास्त जिस समय हो, उसके १२ मिनट पहले और अस्त होने के १२ मिनट बाद.... यानी की ये २४ मिनट के अन्दर ही ये उपाय करना है.......
५. इस दिन यदि किस्मत से कोई हिंजड़ा मिल जाए तो उसे ज़रूर कुछ न कुछ दे और अगर वो आपको बदले में कुछ दे तो उसे संभाल कर अपने पास रख ले, बहुत ही शुभ होगा.......
६. इस दिन लाल रंग से २१०० बार राम लिखे और राम शब्द जिस कागज़ पर लिखा है वहा से सारे काट ले..... इन काटे हुए कागज़ को २१०० आटे की छोटी-छोटी गोलियों में भर कर ऐसी जगह पर जाए जहा पर मछलियाँ हो........ वह पर बैठ कर "ॐ जय श्री राम" कहते हुए, एक-एक करके गोलियों को खिला दे........ संकट दूर......
७. इस दिन किसी भी संकट को दूर करने के लिए, बाबा हनुमान जी की शरण में जाए. इस दिन उपवास रख कर बाबा जी को चोला अर्पित करे (सुबह के समय), गुड - चने का भोग लगाये और संध्या समय बाबा जी को लड्डू का भोग लगाकर, १०८ बार वही बैठ कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करे, ध्यान दे की जब तक पाठ समाप्त ना हो जाए धूप-दीपक जलता रहे. तत्पश्चात कपूर से आरती करके, गलतियों की माफ़ी मांग कर, अपने संकट दूर करने का निवेदन करे और घर वापस आ जाए......................
८. इस दिन धार्मिक स्थल में गुप्त दान विशेष रूप से सहायक होगा... जीवन में उन्नति के लिए......
९. इस दिन से शुरू करते हुए, ४३ दिन तक बेसन के लड्डू किसी भी कुत्ते को खिलाना शुरू करे तो घर में बरकत होनी शुरू हो जायेगी..... ध्यान रहे की प्रतिदिन एक ही कुत्ता न हो.... मतलब की.. एक ही कुत्ते को ना दे ये लड्डू........
१०. इस दिन सवा किलो जलेबी का भोग बाबा भैरव नाथ जी को लगाये, ५ तरह की मिठाई साथ में अर्पित करके धूप-दीप करे, फिर उस जलेबी में से थोड़ी सी ले कर किसी भी कुत्ते को खिला दे, ऐसा २१ बुधवार करने से, संकट दूर होने में, मदद बाबा जी के आशीर्वाद से मिलेगी....
११. इस दिन से शुरू करते हुए, भगवान् श्री गणेश जी को एक सुपारी अर्पित करे और एक कटोरी चावल का दान करे, पुरे वर्ष भर तक, कैसी भी नज़र दोष होगी घर पर या फिर कुछ भी अप्राकर्तिक होगा, सब श्री गणेश जी के आशीर्वाद से दूर होगा....
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है, दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. भगवान श्री राम चन्द्र जी ने इसी दिन रावण का वध किया था. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा. ये अभूज मुहूर्त कहलाते है................
कथा : - इस दिन राम ने रावण का वध किया था. रामायण के अनुसार राम तथा सीता जी के वनवास के दौरान रावण, राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लंका ले जाता है. तब भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता जी को रावण के बंधन से मुक्त कराने हेतु राम ने भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान एवं वानरों की सेना के साथ मिलकर रावण के साथ एक बड़ा युद्ध करते हैं.
युद्ध के दौरान श्री राम जी नौ दिनों तक युद्ध की देवी मां दुर्गा जी की पूजा करते हैं तथा दसवें अर्थात दशमी के दिन रावण का वध करते हैं और सीता जी को बंधन से मुक्त कराते हैं. इसलिए विजयदशमी एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है. इस दिन रावण, उसके भाई कुम्भकरण और पुत्र मेघनाद के पुतले जगह-जगह में जलाए जाते हैं.
उपाय क्या करे इस दिन ................
१. इस दिन काली गूंजा को गंगा जल और गौ माता के दूध से शुद्ध करके जो भी पास में रखता है, उसके काफी संकट दूर होते है..... ध्यान रखे की मुसीबत के समय इसका रंग अपने आप बदल जाएगा........
२. इस दिन नागकेशर के पौधा का रोपण करे और उसकी देखभाल करे.... जैसे - जैसे पौधा बढेगा आपकी उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होगा.....
३. इसी तरह से बरगद में पेड़ के नीचे जो भी पौधा हो उससे जड़ समेत लेकर घर में लगाये और उसकी देखभाल करे तो भी उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.....
४. इस दिन सूर्यास्त के समय आधा किलो दूध में ९ बूँद शुद्ध शहद की डाल कर (अगर घर बड़ा हो तो १ किलो दूध में १८ बूँद शहद की डाले) पुरे घर में छिडकाव करे. उसके बाद जो दूध बच जाए, वो चौराहे पर रख आये. ऐसा पुरे २१ दिन करना है. घर में कैसी भी नकारात्मक शक्ति होगी वो दूर होगी. सूर्यास्त जिस समय हो, उसके १२ मिनट पहले और अस्त होने के १२ मिनट बाद.... यानी की ये २४ मिनट के अन्दर ही ये उपाय करना है.......
५. इस दिन यदि किस्मत से कोई हिंजड़ा मिल जाए तो उसे ज़रूर कुछ न कुछ दे और अगर वो आपको बदले में कुछ दे तो उसे संभाल कर अपने पास रख ले, बहुत ही शुभ होगा.......
६. इस दिन लाल रंग से २१०० बार राम लिखे और राम शब्द जिस कागज़ पर लिखा है वहा से सारे काट ले..... इन काटे हुए कागज़ को २१०० आटे की छोटी-छोटी गोलियों में भर कर ऐसी जगह पर जाए जहा पर मछलियाँ हो........ वह पर बैठ कर "ॐ जय श्री राम" कहते हुए, एक-एक करके गोलियों को खिला दे........ संकट दूर......
७. इस दिन किसी भी संकट को दूर करने के लिए, बाबा हनुमान जी की शरण में जाए. इस दिन उपवास रख कर बाबा जी को चोला अर्पित करे (सुबह के समय), गुड - चने का भोग लगाये और संध्या समय बाबा जी को लड्डू का भोग लगाकर, १०८ बार वही बैठ कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करे, ध्यान दे की जब तक पाठ समाप्त ना हो जाए धूप-दीपक जलता रहे. तत्पश्चात कपूर से आरती करके, गलतियों की माफ़ी मांग कर, अपने संकट दूर करने का निवेदन करे और घर वापस आ जाए......................
८. इस दिन धार्मिक स्थल में गुप्त दान विशेष रूप से सहायक होगा... जीवन में उन्नति के लिए......
९. इस दिन से शुरू करते हुए, ४३ दिन तक बेसन के लड्डू किसी भी कुत्ते को खिलाना शुरू करे तो घर में बरकत होनी शुरू हो जायेगी..... ध्यान रहे की प्रतिदिन एक ही कुत्ता न हो.... मतलब की.. एक ही कुत्ते को ना दे ये लड्डू........
१०. इस दिन सवा किलो जलेबी का भोग बाबा भैरव नाथ जी को लगाये, ५ तरह की मिठाई साथ में अर्पित करके धूप-दीप करे, फिर उस जलेबी में से थोड़ी सी ले कर किसी भी कुत्ते को खिला दे, ऐसा २१ बुधवार करने से, संकट दूर होने में, मदद बाबा जी के आशीर्वाद से मिलेगी....
११. इस दिन से शुरू करते हुए, भगवान् श्री गणेश जी को एक सुपारी अर्पित करे और एक कटोरी चावल का दान करे, पुरे वर्ष भर तक, कैसी भी नज़र दोष होगी घर पर या फिर कुछ भी अप्राकर्तिक होगा, सब श्री गणेश जी के आशीर्वाद से दूर होगा....
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