Sunday 21 October 2012

श्री दुर्गा बीसा यन्त्र ...



श्री दुर्गा बीसा यन्त्र ...

दशहरा या दिवाली के दिन इस यन्त्र का निर्माण कर विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर के नित्य पूजा करने से माँ की असीम कृपा बनी रहती है इस यन्त्र को प्राप्त करने के लिए मेरे से संपर्क कर सकते है ...
बीसा-यन्त्रअष्ट-गन्ध ( चन्दन, अगर, केशर, कुंकुम, गोरोचन, शिलारस, जटामांसी तथा कपूर)) से तैयार स्याही से लिखा जाता है। यन्त्र लिखने के लिए शुभ योग में विधिवत तैयार अनार की कलम से भोजपत्र पर लिखें।
प्राण-प्रतिष्ठा
अबयन्त्रकी प्राण-प्रतिष्ठा करें। यथा- बाँयाँ हाथ हृदय पर रखें और दाएँ हाथ में पुष्प लेकर उससेयन्त्रको छुएँ और निम्न प्राण-प्रतिष्ठा मन्त्र को पढ़े -
1- “
आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हं हंसः सोऽहं मम प्राणाः इह प्राणाः, आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हं हंसः सोऽहं मम सर्व इन्द्रियाणि इह सर्व इन्द्रयाणि, आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हं हंसः सोऽहं मम वाङ्-मनश्चक्षु-श्रोत्र जिह्वा घ्राण प्राण इहागत्य सुखं चिरं तिष्ठन्तु स्वाहा।
2-
मन्त्र ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

फल:- कहावत प्रसिद्ध है कि.. जिसके पास हो बीसा उसका क्या करे जगदीशा,अर्थात साधकों ने इस यंत्र के माध्यम से दुनिया की हर मुश्किल आसान होती है,इसलिये इसे लोग बीसा यंत्र की उपाधि देते हैं।यह एक बहुत ही सरल और सिद्ध प्रयोग है अनुष्ठान सफलता पूर्वक पूर्ण करने के उपरांत विद्या प्राप्ति सहज हो जाती है धन का आभाव, गृह अरिष्ट, भूमि-मकान की हीनता, मुकदमे के संकट, विवाह में रुकावट, तलाक-समस्या, घरेलु अशांति, पुत्र का अभाव, रोजगार की कमी, दरिद्रता, कारोबार में अवनति, आदि दूर होकर पूर्ण अनुकूल फल मिलता है| आर्थिक दृष्टि से आनेवाली कठिनाइय तो इसे प्रारंभ करते ही समाप्त हो जाती है
आप भी पा सकते है इस बीसा यन्त्र को या खुद ही इसका निर्माण कर और मंत्र का जाप कर इसकी शक्ति स्वय देख सकते है ,

पंडित राजन जेटली
(ज्योतिषाचार्य)

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