Saturday, 13 October 2012

बचें अपशकुन से - छिपकली गिरने या गिरगिट चढ़ने परः



जब कभी शरीर पर छिपकली गिर जाती है या गिरगिट चढ़ जाता है तो अपशकुन निवारणार्थ हेतु सर्वप्रथम स्नान कर यह मंत्र अवश्य जपें :

'
नमः शांते प्रशांते , हीं हीं सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।'
यह मंत्र जप 108 बार या 21 बार पढ़ें। उक्त मंत्र लाभप्रद है एवं अशुभ प्रभाव को क्षीण करते हैं और मंगल होता है।

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