जब कभी शरीर
पर छिपकली गिर
जाती है या
गिरगिट चढ़ जाता
है तो अपशकुन
निवारणार्थ हेतु सर्वप्रथम
स्नान कर यह
मंत्र अवश्य जपें
:
'ॐ नमः शांते प्रशांते ॐ, हीं हीं सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।'
यह मंत्र जप 108 बार या 21 बार पढ़ें। उक्त मंत्र लाभप्रद है एवं अशुभ प्रभाव को क्षीण करते हैं और मंगल होता है।
'ॐ नमः शांते प्रशांते ॐ, हीं हीं सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।'
यह मंत्र जप 108 बार या 21 बार पढ़ें। उक्त मंत्र लाभप्रद है एवं अशुभ प्रभाव को क्षीण करते हैं और मंगल होता है।
No comments:
Post a Comment