जिनके घर में चिंता, कष्ट और बीमारी ज्यादा है
| भविष्य पुराण में
आया ही की मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी माने 19th
Dec' 2012 को बुधवार के दिन सुबह सूर्य भगवान को तिल के तेल का दीपक दिखाये अर्घ्य दे | सूर्य भगवान को अर्घ्य दो तो इस भाव से –
मन में एक बार स्मरण कर लेना की भगवत गीता में आपने कहाँ है –
“ज्योति श्याम रविरंशुमान” ये ज्योतियों में सूर्य मै हूँ .... तो मेरा अर्घ्य
स्वीकार करो | मेरा ये प्रणाम स्वीकार
करे |
तो उस दिन १९ दिसम्बर को लोटे में चावल, तिल, कुंकुम, केसर डालकर अर्घ्य दे | केसर न हो तो ऐसे ही कुंकुम डाल दे अर्घ्य दे, तिल का दिया दिखा दे |
फिर घर में भोजन बने और सब खाये उसके पहले दही और चावल थाली में लेकर सूर्य भगवान को भोग लगाये और प्रार्थना करे हमारे घर में आपके लिए ये प्रसाद तैयार किया है ये नैवेद्य आप सूर्य भगवान स्वीकार करे और हमारे घर में सब प्रकार से आनंद छाया रहे, सब निरोग रहे, दीर्घायु बने | ऐसा करके उनको भोग लगाये और प्रसाद में थोडा-सा छ्त पर रख दे घर के लोग भी प्रसाद में दही-चावल खुद भी खा ले
तो उस दिन १९ दिसम्बर को लोटे में चावल, तिल, कुंकुम, केसर डालकर अर्घ्य दे | केसर न हो तो ऐसे ही कुंकुम डाल दे अर्घ्य दे, तिल का दिया दिखा दे |
फिर घर में भोजन बने और सब खाये उसके पहले दही और चावल थाली में लेकर सूर्य भगवान को भोग लगाये और प्रार्थना करे हमारे घर में आपके लिए ये प्रसाद तैयार किया है ये नैवेद्य आप सूर्य भगवान स्वीकार करे और हमारे घर में सब प्रकार से आनंद छाया रहे, सब निरोग रहे, दीर्घायु बने | ऐसा करके उनको भोग लगाये और प्रसाद में थोडा-सा छ्त पर रख दे घर के लोग भी प्रसाद में दही-चावल खुद भी खा ले
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