शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन शिवपूजन के बाद इस प्रकार त्रिपुण्ड्र बनाता है उसे जीवन में सबकुछ प्राप्त हो जाता है। इसकी प्रत्येक रेखा में नौ-नौ देवताओं
का वास है। पहली रेखा में अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:सवन तथा महादेव- ये नौ देवता वास करते हैं। दूसरी रेखा में उकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा तथा महेश्वर- ये नौ देवता विद्यमान हैं। तीसरी रेखा में मकार,
आहवनीय अग्नि,
परमात्मा,
तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव निवास
करते हैं
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