Monday 17 December 2012



शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन शिवपूजन के बाद इस प्रकार त्रिपुण्ड्र बनाता है उसे जीवन में सबकुछ प्राप्त हो जाता है। इसकी प्रत्येक रेखा में नौ-नौ देवताओं का वास है। पहली रेखा में अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:सवन तथा महादेव- ये नौ देवता वास करते हैं। दूसरी रेखा में उकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा तथा महेश्वर- ये नौ देवता विद्यमान हैं। तीसरी रेखा में मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव निवास करते हैं

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